Skip to main content

नेपाल पूर्वनरेश ज्ञानेन्द्र वीर विक्रम शाह का पतंजलि में भव्य स्वागत










 


हरिद्वार।
पतंजलि योगपीठ में मंगलवार को नेपाल के पूर्व नरेश ज्ञानेन्द्र वीर विक्रम शाह का आगमन हुआ। आचार्य बालकृष्ण महाराज व परमार्थ देव ने नेपाल नरेश का भव्य स्वागत शंखो की ध्वनि की बीच मंगलगीत गाकर किया गया। आचार्यकुलम् से पधारे छात्रों ने तिलक लगाकर नेपाल नरेश का स्वागत किया। नेपाल नरेश के साथ निरंजनी अखाडा के पीठाधीशवर आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी कैलाशानन्द गिरि, भाजापा की केन्द्रीय मंत्री निरंजन ज्योति, टिहरी की भाजपा सांसद मालाराज लक्ष्मी, आनन्द अखाडा के पीठाधीश्वर आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी बालकानन्द महाराज का स्वागत माला पहनाकर व पुष्पों की वर्षा से किया गया। स्वामी रामदेव ने बड$ी ही गर्म जोशी से नेपाल नरेश का स्वागत रूद्राक्ष की माला गले में पहनाकर व पुष्प गुच्छ देकर किया। साथ में आए आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानन्द गिरि को शाल उड$ाकर स्वागत किया। साध्वी निरंजन ज्योति व मालाराज लक्ष्मी ने स्वामी रामदेव का आशीर्वाद प्राप्त किया। स्वामी रामदेव व आचार्य बालकृष्ण ने पतंजलि परिसर के विविध परिकल्पों के दर्शन कराए। और सभी संस्थानों की महत्ता का वर्णन व उसकी जानकारी नेपाल नरेश को दी। स्वामी रामदेव ने नेपाली भाषा में बोलकर नेपाल नरेश को आश्चर्य चकित कर दिया। उन्होने पतंजलि आयुर्वेद विश्वविद्यालय की महत्ता को नेपाली भाषा में बोलकर समझाया। नेपाल नरेश को प्राचीन ऋषि प्रणाली द्वारा संचालित शिक्षा संस्कृति व संस्कार के दिव्य केन्द्र वैदिक गुरूकुलम् तथा वैदिक कन्या गुरूकुलम् के बारे में विस्तृत रूप से नेपाल नरेश को अवगत कराया साथ ही छात्र-छात्राआें द्वारा प्रात: काल में होने वाले यज्ञ की महिमा के बारे में समझाया। कैसे यज्ञ द्वारा निकलने वाला घुआं हमारे स्वास्थ्य के लिए व पर्यावरण के लिए महत्व रखता है उसके बारे में अपने ज्ञान से सभी को शिक्षित किया। आचार्य बालकृष्ण ने ऋषि मुनियों की धरोहर आयुर्वेद के विषय पर नेपाल नरेश को विस्तृत रूप से समझाया। पतंजलि योगपीठ कैसे प्राचीन पाण्डुलिपियों का संरक्षण कर उनका अध्ययन कर इनमें छुपे आयुर्वेद के खजाने को कैसे खोजा जा रहा है। उसकी जानकारी नेपाल नरेश को साझा की। क्योकि भारत की संस्कृति व नेपाल की संस्कृति काफी हद तक एक जैसे हैं, इसलिए नेपाल में भी आयुर्वेद की अपार संभावनाए विराजमान हैं। चारो तरफ से खनिजों, जड$ी—बूटीयों से घिर हुआ है बस वहां पर उचित दिशा में कार्य करने की आवश्यकता है।
नेपाल नरेश स्वामी रामदेव महाराज व आचार्य बालकृष्ण महाराज के साथ पतंजलि अनुसंधान संस्थान पहुंचे जहां पर पतंजलि कोरोना के संक्रमण काल में कैसे अपने अनुसंधानों पर कार्य कर रही है उसकी जानकारी नेपाल नरेश को दी। लाकडाउन के दौरान जब पूरा विश्व भयभीत था तब पतंजलि अनुसंधान संस्थान एकमात्र एेसा स्थान था जहां के वैज्ञानिक दिन—रात एक करके कोरोना से लड$ने की दवाई को खोज रहे थे। जिसका परिणाम पतंजलि योगपीठ को कोरोनिल किट के रूप में प्राप्त हुआ। कोरोनिल किट वैज्ञानिक पद्धति पर आधारित मैडिकल के सभी पैरामीटर का पालन करती हुई एक दिव्य औषधि के रूप में प्राप्त हुई। पतंजलि आयुर्वेद संस्थान में जितनी भी औषधियों का निर्माण किया जा रहा वह मार्डन सांइस को ध्यान में रखकर व उसके सभी पैरामीटर का पालन करते हुए किया जा रहा है। आज पतंजलि में लिवोग्रिट, बी—पी—ग्रिट, मधु ग्रिट, इम्युनो ग्रिट, थायो ग्रिट, पीड$ानिल गोल्ड इत्यादि सैकड$ो प्रमाणित औषधियों का निर्माण किया जा रहा है। नेपाल नरेश ने पतंजलि के सभी सेवाकार्यों का अवलोकन करके कहा कि पतंजलि योगपीठ वर्षों से योग, आयुर्वेद, औद्योगिक के माध्यम से जनमानस की निरन्तर सेवा कर रहा है। स्वामी रामदेव व आचार्य बालकृष्ण महाराज ने योग व आयुर्वेद की महत्ता को जिस तरह से पुन: स्थापित किया है उसके लिए दोनो साधुवाद के पात्र हैं। आज आयुर्वेद व योग की क्रान्ति से सम्पूर्ण विश्व आपके द्वारा बताए गए शब्दों का अनुसरण करके लाभान्वित हो रहे हैं। आज भारत में जड$ी—बूटियों का व्यवसाय किसानों के लिए मुनाफे का कारण बन गई है। जो कल तक दयनीय स्थिति में थी। अपने छोटे से कार्य कार्यक्रम का हवाला देते हुए नेपाल नरेश ज्ञानेन्द्र वीरविक्रम शाह अपने गन्तव्य के लिए प्रस्थान करने से पहले पुन: पतंजलि परिसर में आने का अपना संकल्प दोहराया। पतंजलि परिवार की तरफ से राकेश मित्तल, जयदीप आर्य, अंशुल, पारूल ने नेपाल नरेश को पुष्प गुच्छ भेंट किए।

न्यूज़ साभार :  Oteri







Comments

Popular posts from this blog

सिक्किमकी बबिता थापा मगर नेपाल आइडल सिजन ६ की उप विजेता बनिन

सुशीला कार्की को नेपाल की अंतरिम प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया Gen Z आंदोलन को वीडियो दृश्य

दिवंगत पवित्र आत्मा स्व. श्री दीपक शर्मा जिऊ को लागी श्रद्धांजलि अर्पित गर्ने 9 September 2025 म तेह्रौँ दिनको पूजा–पाठ एवं संस्कार (तेह्रौँ) मा वहा को निवास स्थानम उपस्थित भई हामीसँग मिलेर आत्माको चिरशान्तिको लागि प्रार्थना गरिदिनुहोस।

उत्तराखंड में शिक्षा क्षेत्र में ऐतिहासिक कदम: अल्पसंख्यक शिक्षा प्राधिकरण के गठन का प्रस्ताव कैबिनेट से मंजूर Historic Step in Uttarakhand’s Education Sector: Cabinet Approves Formation of Minority Education Authority

हिमालय के एवरेस्ट बेस कैंप पर भारत और नेपाल के लोगों ने मनाया स्वतंत्रता दिवस