बरेली (किला थाना क्षेत्र), उत्तर प्रदेश में चोर बताकर नेपाली युवती को पोल से बांधकर पीट कर दांत और पैर तोड़े, पुलिस ने छुड़ाकर गंभीर धाराओं में अभियुक्तों को पकड़ा

 📰 घटना की संक्षिप्त जानकारी








चोर बताकर नेपाली युवती को पोल से बांधकर पीट कर दांत और पैर तोड़े, पुलिस ने छुड़ाकर गंभीर धाराओं में अभियुक्तों को पकड़ा 

बरेली (किला थाना क्षेत्र), उत्तर प्रदेश में एक नेपाली मूल की महिला को चोरी के शक में भीड़ ने brutally पीटा


 उसे एक पोल से बाँधकर मारपीट की गई, और वह बार-बार हाथ जोड़कर कहती रही “मैं चोर नहीं हूं, पुलिस बुलाओ।” 


पीड़िता की पहचान सुष्मिता सारू मगर, उर्फ काजल, पोखरा जिले (नेपाल) की निवासी, बताई गई है। वह नोएडा में काम करती थी, लेकिन नौकरी छूटने पर काम की तलाश में बरेली आई थी। 




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📅 घटना का विवरण


हादसा 2 अगस्त 2025 की रात लगभग 1:00–1:30 बजे हुआ। सुष्मिता फोन पर बात कर रही थी और छत पर खड़ी थीं। आसपास के निवासी उसे अँधेरी परिस्थितियों में चोर समझने लगे और “चोर चोर” का शोर किया। 


डरकर वह छत का दरवाजा खोलने की कोशिश कर रही थीं, लेकिन दरवाजा नहीं खुला, जिससे उन्होंने घबरा कर छत से कूदना पड़ गया। गिरने से उनका पैर टूट गया। उसके बाद सरासर हिंसा हुई—लाठियों से पीटा गया, दो दांत टूट गए और घुटनों में चोट आई। 


भीड़ ने उन्हें रस्सी से पोल (खंभे) से बांध दिया और वीडियो बनाने लगी। किसी ने कहा, “इसके हाथ-पैर तोड़ दो।” वीडियो में वह बार-बार “मैं निर्दोष हूं” और “पुलिस बुलाओ” कहती दिखती हैं। 




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🚔 पुलिस कार्रवाई


जैसे ही घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, पुलिस सक्रिय हुई और चार आरोपियों को गिरफ्तार किया गया:

गौरव सक्सेना, शिवम सक्सेना, अमन सक्सेना और अरुण सैनी, सभी बारादरी मोहल्ले के निवासी। 


पुलिस ने FIR दर्ज कर मामला धारा दंगा (BNS), गलत बंदी, जानबूझकर चोट पहुंचाने, और अन्य संबंधित धाराओं के तहत मुकदमा चला रही है। अन्य आरोपी की पहचान व गिरफ्तारी के प्रयास जारी हैं। 




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🏥 पीड़ित का स्वास्थ्य


सुष्मिता की हालत गंभीर मानी जा रही है। अस्पताल में दर्द, चोट, दो टूटे दांत, पैर में गंभीर चोट और मानसिक तनाव की स्थिति है। 




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📺 वीडियो / सोशल मीडिया में क्या दिखा?


वायरल वीडियो में सुष्मिता हाथ जोड़कर भीड़ से विनती करती नजर आ रही हैं, “मैं निर्दोष हूं” कहती हैं और बार-बार "Police ko bulao" (पुलिस बुलाओ) कहती हुई भीड़ के बीच चिल्लाती दिखती हैं। 




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🔍 संदर्भ समाचार स्रोत


इस खबर की विस्तृत रिपोर्ट PTI / ThePrint, Amar Ujala, Times Now Hindi और Dainik Bhaskar जैसे मीडिया स्रोतों द्वारा प्रकाशित की गई है। 

हिंदुस्तान और ABP टीवी में दिखाई दी जो ऊपर संलग्न है।




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🔚 निष्कर्ष


यह एक दुखद और खौफनाक घटना है, जिसमें एक अजनबी महिला को पुलिस की बजाय भीड़ द्वारा न्याय का वह फैसला भुगतना पड़ा जिसे किसी ने मानने से पहले सोशल मीडिया पर तस्वीरें वायरल कर दीं। पीड़ित की पहचान, गंभीर चोटें, पुलिस गिरफ्तारी, और सोशल मीडिया हस्तक्षेप — सभी जानकारी आज की ताज़ा ख़बरों में सामने आई है।

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