कैसे मनाये धनतेरस - महिमा, महत्व और पूजा की विधि


 धनतेरस पर्व 2024. मंगलवार।


श्री धनवंतरी स्वरूप श्री श्री श्री औषधचक्र नारायणाय नमः॥ ॐ वासुदेवाय विघ्माहे वैधयाराजाया धीमहि तन्नो धन्वन्तरी प्रचोदयात् || ॐ तत्पुरुषाय विद्‍महे अमृता कलसा हस्थाया धीमहि तन्नो धन्वन्तरी प्रचोदयात् ||


1. “धन” को अर्थ “धन/द्रव्य” वा “सम्पत्ति” आदि हुन्छ भने “तेरस” को अर्थ विक्रम संवत् हिन्दु पात्रोको १३ औं दिन लाई भनिन्छ। यस अर्थमा कार्तिक कृष्ण पक्ष त्रयोदसी अर्थात् कार्तिक कृष्णपक्षको १३ औ दिनको दिनमा कार्तिक कृष्ण पक्ष औंसीको दिन गरिने लक्ष्मी पूजाको लागि सामग्री (धन सम्पत्ति) को क्रय (किन्ने / खरिद) गर्ने कार्य लाई नै धनतेरस भनिएको हो। धनतेरस पर्वको दिन लक्ष्मी पूजाको किनमेलका लागि छुट्याइएको एक विशेष दिनको रूपमा लिन सकिन्छ।


2. धनतेरसको पर्व दीपावलीको दुई दिन अघि मनाइन्छ। यसलाई सुख, समृद्धि र राम्रो स्वास्थ्यको प्रतीक मानिन्छ। हिन्दू क्यालेन्डर अनुसार यो पर्व कार्तिक महिनाको त्रयोदशीका दिन मनाइन्छ । यस वर्ष धनतेरस पर्व कात्तिक २९ गते मंगलबार मनाइँदैछ । यसलाई ‘धन त्रयोदशी’ पनि भनिन्छ।


3. धनतेरस कार्तिक कृष्ण पक्ष त्रयोदसीको दिन पर्छ। कार्तिक कृष्ण पक्ष द्वादसी अर्थात् तिहार (यमपन्चक) को पहिलो दिन अन्तर्गत काग तिहार (कार्तिक कृष्ण पक्ष त्रयोदसी) र भोलि पल्ट कुकुर तिहार (कार्तिक कृष्ण पक्ष चतुर्दशी) देखि यमपन्चक सुरु हुन्छ। यमपन्चक शुरु भए पश्च्यात कार्तिक कृष्ण पक्ष औसी को दिन धन्यधान्य, सौभाग्य तथा ऐश्वर्य आदि प्राप्तिका लागी श्री माता लक्ष्मीको पूजा आजा, लक्ष्मी पूजा गरिन्छ। लक्ष्मी पूजाको एक दिन अगाडि पर्ने महत्त्वपूर्ण चाड को नाम नै धनतेरस हो। यस दिन आयुर्वेदका जनक भगवान धन्वंतरी सागर मन्थनबाट अमृतको भाँडो लिएर प्रकट भएकाले यस दिन भाँडाकुँडा किन्ने चलन छ । धन्वन्तरीलाई स्वास्थ्यका देवता मानिन्छ र उहाँको पूजा गर्नाले सुस्वास्थ्य र रोगबाट मुक्ति मिल्छ ।


4. धनतेरसको साँझ यमदेवलाई दीप दान गरिन्छ। फलस्वरूप मृत्युका देवता यमराजको प्रकोपबाट पूजक र उनको परिवारले सुरक्षा पाउँछन्। विशेषगरी यस दिन गृहलक्ष्मीले दीपदान गरेमा सम्पूर्ण परिवार स्वस्थ रहन्छ। भाँडाकुँडा किन्ने चलन पूरा गर्नुपर्छ। विशेष गरी पीतल र चाँदीका भाँडाहरू किन्नुहोस् किनभने पीतल महर्षि धन्वंतरीको महत्त्वपूर्ण धातु हो। यसले घरमा स्वास्थ्य, सौभाग्य र स्वास्थ्य लाभ ल्याउँछ। व्यापारीहरूले यस विशेष दिनमा नयाँ खाताहरू किन्छन् जुन उनीहरूले दीपावलीमा पूजा गर्छन्।धनतेरसको दिन चाँदी किन्ने विशेष चलन पनि छ । चन्द्रमाको प्रतीक चाँदीले मानिसलाई जीवनमा शीतलता प्रदान गर्दछ। चाँदी कुबेरको धातु भएकाले धनतेरसको दिन चाँदी किन्दा घरमा कीर्ति, वैभव, ऐश्वर्य र ऐश्वर्य बढ्छ । साँझ घरको मुख्य प्रवेशद्वार र चोकमा दीप प्रज्वलन गरि दीपावली सुरु हुन्छ ।


आईए जानते हैं धनतेरस के महिमा और महत्व के बारे में…


🔆 `धनतेरस पूजा कथा-`


धार्मिक मान्यतानुसार धनतेरस मनाने का रहस्य यह है कि समुंद्र मंथन से कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को भगवान धन्वंतरि अपने हाथों में कलश लेकर समुंद्र से प्रकट हुए थे। भगवान धन्वंतरि को भगवान विष्णु का अंशावतार माना जाता है। विश्व में चिकित्सा विज्ञान के विस्तार और प्रसार के लिए ही भगवान विष्णु ने धन्वंतरि का अवतार लिया था।


ऐसा माना जाता है कि धनतेरस का पर्व धन, धान्य, समृद्धि के अतिरिक्त स्वास्थ्य,आरोग्यता से जुड़ा हुआ होता है। इसलिए इस दिन धन के लिए देवी लक्ष्मी व कुबेर और आरोग्य के लिए भगवान धनवन्तरि की पूजा अर्चना की जाती है।


🔆 `धनतेरस पूजन का शुभ मुहूर्त-`


- त्रयोदशी तिथि प्रारंभ- 29 अक्टूबर 2024 प्रातः 10:34 से 30 अक्टूबर 2024 अपराह्न 1:17 तक तत्पश्चात चतुर्दशी तिथि प्रारंभ।


- गोधूलि मुहूर्त रहेगा सायं काल 5:38 से 6:04 तक।


🔆 `धनतेरस पूजा विधि-`


धनतेरस पर्व पर भगवान धन्वंतरि, देवी लक्ष्मी और भगवान कुबेर की पूजा का विधान है। प्रातः काल संपूर्ण घर व पूजा स्थल को शुद्ध कर लें तथा गंगाजल का छिड़काव करें।


शुभ मुहूर्त में कुबेर देवता, भगवान धन्वंतरि और देवी लक्ष्मी की पूजा प्रारम्भ करें और पूजा स्थल पर (ईशान कोण) में प्रथम पूज्य श्री गणेश जी महाराज तथा देवी लक्ष्मी की प्रतिमा स्थापित करें।


पंचामृत से स्नान करा उन्हें आसन प्रदान करें, तिलक करें, वस्त्र, आभूषण अर्पित करें, पूजा स्थल पर विराजमान सभी देवी देवताओं को तिलक लगाएँ, पंचमेवा, पंच मिठाई, पंच फल, पुष्प इत्यादि अर्पित करें।


प्रातः काल से ही गाय के घी से अखंड ज्योति प्रज्वलित करें। सायंकाल शुभ मूहूर्त में 11 घी की बाती से आरती करें।


🔆 `धनतेरस पर क्या करें व क्या ना करें-`


1. धनतेरस के दिन भगवान धन्‍वंतरि, मां लक्ष्‍मी, भगवान कुबेर और यमराज की पूजा का विधान है। इस दिन धन्‍वंतरि की पूजा करने से आरोग्‍य और दीर्घायु प्राप्‍त होती है। इस दिन भगवान धन्‍वंतरि की प्रतिमा की पूजा करें।


2. धनतेरस के दिन मृत्‍यु के देवता यमराज की पूजा भी की जाती है। इस दिन संध्‍या के समय घर के मुख्‍य दरवाजे के दोनों ओर अनाज के ढेर पर मिट्टी का बड़ा दीपक रखकर उसे जलाएं। दीपक का मुंह दक्षिण दिशा की ओर कर यम दीप दान करें।


3. धनतेरस पर धन के देवता कुबेर की पूजा करने से व्‍यक्ति को जीवन के हर भौतिक सुख की प्राप्‍ति होती है।


4. धनतेरस पर्व पर मां लक्ष्‍मी की पूजा का विधान है मां लक्ष्‍मी के छोटे-छोटे पद चिन्‍हों को पूरे घर में स्‍थापित करना शुभ माना जाता है।


5. घर के मुख्य द्वार पर 13 दीपक जलाएं।


🔆 `धनतेरस पर क्या खरीदें-`


लक्ष्मी गणेश की मूर्ति, सोना, चांदी, पीतल, मिट्टी के दीए ,झाड़ू, तांबे का दीपक, सबूत हल्दी, नमक, कड़ी, सबूत धनिया बीज, चावल इत्यादि खरीदना अति शुभ फल कारक।


🔆 `धनतेरस पर क्या न खरीदें-`


- धनतेरस पर इन वस्तुओं को खरीदने से बचना चाहिए —


एल्यूमिनियम की वस्तुएं, लोहे की वस्तुएं, नुकीली या धारदार वस्तुएं, प्लास्टिक सामग्री, कांच के बर्तन, काले रंग की वस्तुएं इत्यादि।


धनतेरस पर्व 2024 को पवन अवसर हजुरहरू सबैमा हार्दिक शुभकामना।

संजय मल्ल

गोर्खा इंटरनेशनल

Comments

Popular posts from this blog

सिक्किमकी बबिता थापा मगर नेपाल आइडल सिजन ६ की उप विजेता बनिन

सुशीला कार्की को नेपाल की अंतरिम प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया Gen Z आंदोलन को वीडियो दृश्य

दिवंगत पवित्र आत्मा स्व. श्री दीपक शर्मा जिऊ को लागी श्रद्धांजलि अर्पित गर्ने 9 September 2025 म तेह्रौँ दिनको पूजा–पाठ एवं संस्कार (तेह्रौँ) मा वहा को निवास स्थानम उपस्थित भई हामीसँग मिलेर आत्माको चिरशान्तिको लागि प्रार्थना गरिदिनुहोस।

उत्तराखंड में शिक्षा क्षेत्र में ऐतिहासिक कदम: अल्पसंख्यक शिक्षा प्राधिकरण के गठन का प्रस्ताव कैबिनेट से मंजूर Historic Step in Uttarakhand’s Education Sector: Cabinet Approves Formation of Minority Education Authority

हिमालय के एवरेस्ट बेस कैंप पर भारत और नेपाल के लोगों ने मनाया स्वतंत्रता दिवस