उत्तर प्रदेश में गोरखा समुदाय को "अन्य पिछडा वर्ग" का आरक्षण प्राप्त करने हेतु मार्गदर्शन

 उत्तर प्रदेश में गोरखा समुदाय की OBC आरक्षण की मांग।

उद्देश्य:- उत्तर प्रदेश में गोरखा समुदाय को "अन्य पिछडा वर्ग" का आरक्षण प्राप्त करने हेतु। 

भूमिका:- सन 1997 (१७-०८-१९९७) को तत्कालीन मुख्य मंत्री सुश्री मायावती जी द्वारा देहरादून आगमन पर गोरखा समुदाय को OBC आरक्षण की घोषणा की थी। लेकिन आगे कोई कार्यवाही नहीं हुई। ०९-०१-१९९९ को तथा ०८-०९ अक्टूबर २००१ को OBC संबंधित दस्ताबेजो के साथ ( जिसमें उत्तर प्रदेश में गोरखा समुदाय की जन संख्या, उनके सामाजिक, आर्थिक, शैक्षिक तथा राजनैतिक स्थिति की जानकारी दी गई थी।) उत्तर प्रदेश के मुख्य मंत्री जी से भेट कर OBC आरक्षण देने की मांग रखी थी। परंतु उत्तर प्रदेश से उत्तरांचल प्रदेश गठन होने पर यह विषय अधूरा रह गया। 

उत्तराखंड में OBC की मांग (प्रक्रिया) :- सन २००० में उत्तराखंड की गठन पश्चात OBC की मांग पुनः जीवित हुआ। सन २००२ के दौरान तत्कालीन गोर्खाली सुधार सभा के पदाधिकारी ने उन्ही पुराने OBC मांग के दस्ताबेजो का सार संछेप बनाकर प्रदेश सरकार के सामने प्रस्तुत किया। सरकार द्वारा हमारे मांग का सर्वे कराने प्रदेश समाज कल्याण विभाग को पत्र भेजा जिसने प्रदेश के OBC कमीशन तथा १३ जिलाधिकारी को अपने आख्या भेजने के लिए पत्र भेजा। १३ जिलाधिकारी द्वारा उचित आख्या प्राप्त होने पर प्रदेश OBC कमीशन ने अपनी प्रबल संस्तुति ०९-०४-२००३ में समाज कल्याण विभाग को भेज दिया और १५-०७-२००३ के दिन मुख्य मंत्री जी ने उत्तराखंड के गोरखा समुदाय को OBC आरक्षण प्रदान करने की घोषणा की गई। दिसंबर २००३ में सरकार ने GO भी प्रेषित किया। 

        इन सब कार्य में गोर्खाली सुधार सभा (GSS) के पदाधिकारी ने सरकार में जो पार्टी थी उनकी सक्रिय सदस्य का उचित समन्वय बनाकर काम किया। OBC कमीशन के साथ तथा सभी जिलाधिकारी के साथ इन सभी सक्रिय सदस्य का संपर्क बनाया गया और अंतिम चरण में मुख्य मंत्री जी से भी इसी प्रकार गुहार लगाई गई। अंततः GSS की उद्देश्य पूर्ण हुई। 

उत्तर प्रदेश द्वारा OBC के लिए कार्य:-

1 - प्रदेश में गोरखा समुदाय की जन संख्या जुटाना। प्रतेक जिला के वोटर लिस्ट/वोटर कार्ड /आधार कार्ड के अनुसार संख्या जुटाकर जिलाधिकारी से इसकी संपुष्टि करानी होगी। इसके लिए समय लगेगी। मौजुदा प्रक्रिया में जो फॉर्म प्रेषित किया है उसे शायद शासन/प्रशासन न माने। यदि इस फॉर्म द्वारा संकलित संख्या को शासन/प्रशासन मानती है तो उचित होगा। 

2- इस आधार पर मुख्य मंत्री जी द्वारा आदेश होने पर प्रदेश के समाज कल्याण विभाग आगे की कार्य के लिए प्रदेश के OBC कमीशन तथा 75 जिलाधिकारी को सर्वे कर अपनी आख्या भेजने के लिए पत्र देगी। 

3- सर्वे में समुदाय की सामाजिक, आर्थिक, शैक्षिक और राजनैतिक स्तर की जानकारी जुटाकर जिलाधिकारी अपने आख्या भेजते हैं। 

4- इन सभी कार्य में समुदाय की मेल मिलाप, सक्रियता और पार्टी के साथ जुड़ाओ काम करती है।

5- जिलाधिकारी द्वारा आख्या, OBC कमीशन द्वारा संस्तुति और समाज कल्याण विभाग द्वारा संतुष्टि पर OBC आरक्षण गोरखा समुदाय के लिए प्रदेश मुख्य मंत्री जी घोषणा करेंगे। 


सार संछेप - प्रदेश गोरखा समुदाय को एक छत्र में आना, समुदाय की जन संख्या जुटाना, मुख्य मंत्री जी तथा सभी जिला के विधायक का समर्थन जुटाना, OBC कमीशन के चेयरमैन और पदाधिकारी से संपर्क तथा समर्थन जुटाना, जिलाधिकारी के सर्वे में सहयोग और समर्थन जुटाना। मौजुदा प्रदेश सरकार के पार्टी का विशेष सहयोग और आशीर्बाद की नितांत जरूरी है। आगे - प्रभु मालिक। 

                तगड़ा रहो। 





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