नेपाल से श्री राम जन्मभूमि मंदिर अयोध्या पहुंची शालिग्राम शिलाएं श्री राम जी एवं माता सीता जी की भव्य प्रतिमा के निर्माण हेतु ।

 "प्रबिसि नगर कीजे सब काजा। हृदयँ राखि कोसलपुर राजा"


अविस्मरणीय, अद्भुत क्षण ! 

 

मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम जी एवं माता सीता जी की भव्य प्रतिमा के निर्माण हेतु नेपाल से श्री राम जन्मभूमि मंदिर अयोध्या पहुंची शालिग्राम शिलाएं। वैदिक मंत्रोच्चार एवं विधि विधान सहित पूजा-अर्चना संपन्न हुई।


जय सिया राम, जय जय सिया राम !!




दो विशाल शालिग्राम शिलाओं को नेपाल से अयोध्या लाया जा रहा है। इससे श्रीराम और माता सीता की मूर्तियां बनने जा रही हैं।❤️🚩 लोग जहां भी जा रहे हैं, सिर झुका रहे हैं। फूल चढ़ाएं और शुभकामनाएं दें।❤️ इन दोनों पत्थरों को भूवैज्ञानिक और पुरातत्व विशेषज्ञों की देखरेख में नेपाल के पोखरा में शालिग्रामी नदी (काली गंडकी) से निकाला गया है। 26 जनवरी को ट्रक में लोड किया। पूजा के बाददोनों शिलाओं को सड़क मार्ग से ट्रक से अयोध्या भेजा जा रहा है।एक शिला का वजन 26 टन और दूसरी शिला का वजन 14 टन है। यानी दोनों पत्थरों का वजन 40 टन है।पत्थर को नदी तल से हटाने से पहले धार्मिक अनुष्ठान किए गए। नाडी ने माफी मांगी। विशेष पूजा अर्चना की गई। अब सिला को अयोध्या लाया जा रहा है। गलेश्वर महादेव मंदिर में 26 जनवरी को रुद्राभिषेक भी किया गया है। नेपाल के सीतामढ़ी के महंतदो महीने पहले कारसेवक पुरम में रुद्राभिषेक के लिए आए थे। उन्होंने ही शालिग्राम शिला के बारे में ट्रस्ट को जानकारी दी थी। उसके बाद इस पुराने पत्थर को नदी से निकालकर अयोध्या लाने का कार्यक्रम तय हुआ। इसमें नेपाल सरकार ने भी भाग लिया। सरकार की अनुमति के बाद ही नदी में बांधों को हटाया गया है।ये बांध शनिवार को जनकपुर पहुंच रहे हैं। दो दिवसीय धार्मिक आयोजन होगा। फिर दरभंगा होते हुए साहरघाट, मुजफ्फरपुर,शिला बिहार के मधुबनी के बेनीपट्टी पहुंचेगी। इसके बाद 31 जनवरी को गोपालगंज होते हुए यूपी में प्रवेश करेगी। जय श्री राम 🚩🚩


नेपाल के काली गंड़की नदी से प्राप्त 2 ठो शालीग्राम सिला पथर से ही अयोध्या में निर्माण हो रहें श्री राम मंदिर में वहाँ पर  भगवान श्री राम के बाल्य स्वरूप का मूर्ति और माता सीता के मुर्ति बननें के लिए इस शिलापट क़ो तय किया गया है।











शालिग्राम मिलने वाला विश्व प्रसिद्ध एक मात्र नदी काली गंड़की है , यह म्याग्दी के बेनीबजार के समीप कालीगण्ड नदी के किनारे से लिया गया यह शिला खंड एक 26 टन का और दूसरा 14 टनका है।


निकालने से पहले काली गंड़की नदिमे क्षमा पूजा की गई और विशेष पूजा के साथ ले जाया गया।


शीला क़ो  26-01-2023  गुरुवार के दिन गलेश्वर महादेव मन्दिरमा रूद्राभिषेक किया गया ।

 

 26 -01-2023 के दिन विंध्यवासिनी मंदिर पोखरा में पूजा कर के सुबह निकाला गया।

27 -01-2023 रात्री विश्राम देवघाट में हुआ।

28-01-2023 सुबह पूजा के बाद  हेटौडामा,पथलैयामा, निजगढमा,लालबन्दी, बर्दिबास,में पूजा करते हुए ढल्केबर मे स्वागत किया जायेगा फिर जनकपुर में रात्री विश्राम होगा और 29-01-2023 रविवार के दिन यानि की 15 गते सुबह में  महाआरती और बिजय महामन्त्र के  जाप के साथ परिक्रमा किया जायेगा और सोमवार 30 -01-2023 के  दिन अयोध्या के लागि प्रस्थान होगा...




अयोध्या में बन रहे भगवान राम के मन्दिर में रामलला के बाल स्वरूप की मूर्ति जिस पत्थर से बनाई जाएगी, वह कोई आम पत्थर नहीं है बल्कि उसका ऐतिहासिक, पौराणिक, धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व है। नेपाल के म्याग्दी जिला के बेनी से पूरे विधि विधान और हजारों लोगों की श्रद्धा के बीच उस पवित्र पत्थर को अयोध्या ले जाया जा रहा है।

म्याग्दी में पहले शास्त्र सम्मत क्षमापूजा की गई, फिर जियोलॉजिकल और आर्किलॉजिकल विशेषज्ञों की देखरेख में पत्थर की खुदाई की गई। अब उसे बड़े ट्रक में लादकर पूरे राजकीय सम्मान के साथ ले जाया जा रहा है, जहां-जहां से यह शिला यात्रा गुजर रही है, पूरे रास्ते भर भक्तजन और श्रद्धालुओं के द्वारा इसका दर्शन और पूजा किया जा रहा है। शिला को 26-01-2023 गुरुवार के दिन गलेश्वर महादेव मन्दिर में रूद्राभिषेक किया गया। 

करीब सात महीने पहले नेपाल के पूर्व उपप्रधानमंत्री तथा गृहमंत्री बिमलेन्द्र निधि ने राम मन्दिर निर्माण ट्रस्ट के समक्ष यह प्रस्ताव रखा था, उसी समय से इसकी तैयारी शुरू कर दी गई थी। सांसद निधि ने ट्रस्ट के सामने यह प्रस्ताव रखा कि अयोध्याधाम में जब भगवान श्रीराम का इतना भव्य मन्दिर का निर्माण हो ही रहा है तो जनकपुर के तरफ से और नेपाल के तरफ से इसमें कुछ ना कुछ योगदान होना ही चाहिए। 

मिथिला में बेटियों की शादी में ही कुछ देने की परम्परा नहीं है, बल्कि शादी के बाद भी अगर बेटी के घर में कोई शुभ कार्य हो रहा हो या कोई पर्व त्यौहार हो रहा हो तो आज भी मायके से हर पर्व त्यौहार और शुभ कार्य में कुछ ना कुछ संदेश किसी ना किसी रूप में दिया जाता है। इसी परम्परा के तहत बिमलेन्द्र निधि ने भारत सरकार के समक्ष भी यह इच्छा जताई और अयोध्या में बनने वाले राममंदिर में जनकपुर का और नेपाल का कोई अंश रहे इसके लिए प्रयास किया। 

भारत सरकार और राममंदिर ट्रस्ट की तरफ से हरी झण्डी मिलते ही हिन्दू स्वयंसेवक संघ, विश्व हिन्दू परिषद नेपाल के साथ समन्वय करते हुए यह तय किया गया कि चूंकि अयोध्या के राम मंदिर का निर्माण हजारों वर्षों के लिए किया जा रहा है तो इसमें लगने वाली मूर्ति उससे अधिक चले उस तरह का पत्थर, जिसका धार्मिक, पौराणिक, आध्यात्मिक महत्व हो... उसको अयोध्या भेजा जाए।

नेपाल सरकार ने कैबिनेट बैठक से काली गण्डकी नदी के किनारे रहे शालीग्राम के पत्थर को भेजने के लिए अपनी स्वीकृति दे दी। इस तरह के पत्थर को ढूंढने के लिए नेपाल सरकार ने जियोलॉजिकल और आर्किलॉजिकल सहित वाटर कल्चर को जानने समझने वाले विशेषज्ञों की एक टीम भेजकर पत्थर का चयन किया। अयोध्या के लिए जिस पत्थर को भेजा जा रहा है, वह साढ़े 6 करोड़ वर्ष पुराना है और इसकी आयु अभी भी एक लाख वर्ष तक रहने की बात बताई गई है।


शालिग्राम मिलने वाली एक मात्र नदी काली गण्डकी है,

यह नदी दामोदरकुण्ड से निकलकर गंगा नदी में मिलती है।

भगवान विष्णु के रूप में शालिग्राम पत्थरों की पूजा की जाती है ,जिस कारण से इसे देवशिला भी कहा जाता है. 


इस पत्थर को वहां से उठाने से पहले विधि विधान के हिसाब से पहले क्षमा पूजा की गई, फिर क्रेन के सहारे पत्थर को ट्रक पर लादा गया. एक पत्थर का वजन 27 टन बताया गया है, जबकि दूसरे पत्थर का वजन 14 टन है. 


सोमवार 30 -01-2023 के दिन अयोध्या के लिए प्रस्थान होगा । 

इस भले कार्य के लिए नेपाल और भारत दोनों देशों के सरकार क़ो बहुत धन्यवाद ।

इस संस्कृति से नेपाल और भारत दोनों देशों के प्राचीन काल से धार्मिक, पौराणिक, आध्यात्मिक एकता का परिचय दर्शाता है 💐💐इसी तरह आनेवाला समय में भी भारत नेपाल मित्रवत ब्यवहार बना रहें 💐💐


जय श्री राम 💐जय माता जानकी 💐

जय सीता राम

संजय मल्ल गोरखा इंटरनेशनल 



Comments

  1. Very right step by Nepal . Jai Shri Ram Chandra ji and Mata Janki ji. May God live long Indo-Nepal relationship forever.

    ReplyDelete
    Replies
    1. जय श्री राम

      Delete

Post a Comment

Popular posts from this blog

सिक्किमकी बबिता थापा मगर नेपाल आइडल सिजन ६ की उप विजेता बनिन

सुशीला कार्की को नेपाल की अंतरिम प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया Gen Z आंदोलन को वीडियो दृश्य

दिवंगत पवित्र आत्मा स्व. श्री दीपक शर्मा जिऊ को लागी श्रद्धांजलि अर्पित गर्ने 9 September 2025 म तेह्रौँ दिनको पूजा–पाठ एवं संस्कार (तेह्रौँ) मा वहा को निवास स्थानम उपस्थित भई हामीसँग मिलेर आत्माको चिरशान्तिको लागि प्रार्थना गरिदिनुहोस।

उत्तराखंड में शिक्षा क्षेत्र में ऐतिहासिक कदम: अल्पसंख्यक शिक्षा प्राधिकरण के गठन का प्रस्ताव कैबिनेट से मंजूर Historic Step in Uttarakhand’s Education Sector: Cabinet Approves Formation of Minority Education Authority

हिमालय के एवरेस्ट बेस कैंप पर भारत और नेपाल के लोगों ने मनाया स्वतंत्रता दिवस